Meenakshi Sundareswarar Temple or Meenakshi Amman Temple or Tiru-alavai is a historic Hindu temple located in the south side of river Vaigai in the temple city of Madurai, Tamil Nadu, India. It is dedicated to Parvati who is known as Meenakshi and her consort, Shiva named here as Sundareswarar(beautiful deity). The temple forms the heart and lifeline of the 2500 year old city of Madurai. The complex houses 14 gopurams (gateway towers) ranging from 45-50m in height, the tallest being the southern tower, 51.9 metres (170 ft) high, and two golden sculptured vimana (shrine) over sanctum of the main deities. The temple is a significant symbol for the Tamil people, and has been mentioned since antiquity in Tamil literature, though the present structure is built during 1623 to 1655 CE The temple attracts 15,000 visitors a day, around 25,000 during Fridays and gets an annual revenue of sixty million INR. There is an estimated 33,000 sculptures in the temple and it was in the list of top 30 nominees of the "New Seven Wonders of the World". The annual 10 day Meenakshi Tirukalyanam festival celebrated during April–May attracts 1 million visitors.
ther names: Meenakshi Sundareswarar Temple
Proper name: Tiru-alavai
Location
Country: India
State: Tamil Nadu
District: Madurai
Location: Madurai
Temple Details
Primary Deity: Meenakshi
Consort: Sundareswarar
Temple Tank: Potramarai Kulam
Poets: Sundarar
Appar
Manikkavacakar
Thirugnanasambandar
Important festivals: Chithirai Thiruvizha
मदुरै शहर के हृदय में स्थित मीनाक्षी - सुंदरेश्वर का मंदिर भगवान शिव की पत्नी देवी मीनाक्षी के प्रति समर्पित है। यह भारत और विदेशों से आने वाले पर्यटकों का आकर्षण केन्द्र होने के साथ हिन्दु धार्मिक यात्राओं के महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है। मदुरै के लोगों के लिए यह मंदिर उनकी सांस्कृतिक तथा धार्मिक जिंदगी का केन्द्र है।
यह कहा जाता है कि शहर के लोग न केवल प्रकृति की आवाज सुनकर बल्कि मंदिर के मंत्रोच्चार को सुनकर भी जागते हैं। तमिलनाडु के सभी प्रमुख त्यौहार यहां श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार चितराई त्यौहार है, जिसका आयोजन अप्रैल - मई में किया जाता है। जब मीनाक्षी और सुंदरेश्वर की खगोलीय विधि से शादी आयोजित की जाती है और इसमें पूरे राज्य से लोगों का समूह जिसे देखने आता है।
शिल्पकारी वाले स्तंभ विशिष्ट भित्ति चित्रों से ढके हुए हैं जो राजकुमारी मीनाक्षी और भगवान शिव के साथ उनके विवाह के समय के दृश्यों से भर पूर हैं। आंगन के पार सुंदरेश्वर के मंदिर में भगवान शिव को लिंग के माध्यम से प्रतिनिधित्व दिया जाता है। यहां बने स्तंभ मीनाक्षी तथा सुंदरेश्वर के विवाह के दृश्यों से सजे हुए है। यहां लगभग 985 समृद्ध पच्चीकारी वाले स्तंभ है और सुंदरता में सभी एक दूसरे को पीछे छोड़ देते हैं।
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